अगर किसी पुलिसकर्मी ने आपसे रिश्वत मांगी या पैसों का लेन-देन किया है और आपने शिकायत दर्ज कराई है, तो जानिए इसका निवारण कैसे किया जाता है, कौन से विभाग जांच करते हैं और पुलिस क्या-क्या कार्रवाई कर सकती है।
🔹 1. रिश्वत की शिकायत कहां करें?
अगर किसी पुलिस अधिकारी ने पैसे मांगे या लिए हैं, तो आप निम्न संस्थाओं में शिकायत दर्ज करा सकते हैं —
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जिला पुलिस अधीक्षक (SP/SSP) 
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राज्य सतर्कता आयोग (Vigilance Department) 
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भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (Anti Corruption Bureau - ACB) 
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राज्य लोकायुक्त कार्यालय (Lokayukt Office) 
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ऑनलाइन पोर्टल: 
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राज्य सरकार का गृह विभाग या लोकायुक्त पोर्टल 
 
🔹 2. शिकायत का प्रारूप (कैसे लिखें)
आपकी शिकायत में यह बातें जरूर लिखें —
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आरोपी पुलिसकर्मी का नाम, पद, थाने का नाम 
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घटना की तारीख और समय 
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रिश्वत की मांग या भुगतान का विवरण 
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यदि कोई ऑडियो/वीडियो/गवाह हो तो उसका उल्लेख करें 
👉 सुझाव: शिकायत हमेशा लिखित रूप में करें और उसकी रसीद या प्राप्ति संख्या जरूर लें।
🔹 3. जांच की प्रक्रिया
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प्रारंभिक जांच (Preliminary Inquiry):अधिकारी यह देखते हैं कि शिकायत सही है या नहीं।
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औपचारिक जांच:अगर आरोप सही पाए जाते हैं तो विजिलेंस या ACB जांच शुरू करती है।
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साक्ष्य संग्रह (Evidence Collection): - 
रिकॉर्डिंग, गवाह, कॉल डिटेल्स, CCTV फुटेज आदि जुटाए जाते हैं। 
 
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ट्रैप कार्रवाई (Trap Case):अगर रिश्वत ली जा रही है, तो ACB मौके पर ट्रैप करके आरोपी को रंगे हाथ पकड़ सकती है।
🔹 4. पुलिस की संभावित कार्रवाई
अगर आरोप साबित हो जाते हैं, तो आरोपी पुलिसकर्मी पर निम्न दंडात्मक कदम उठाए जा सकते हैं —
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निलंबन (Suspension) 
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विभागीय जांच (Departmental Inquiry) 
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भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 13 के तहत FIR दर्ज कर मुकदमा 
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वेतन कटौती या सेवा से बर्खास्तगी 
🔹 5. अगर कार्रवाई न हो तो क्या करें?
अगर आपको लगे कि शिकायत पर कोई असर नहीं हो रहा —
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जिला अधिकारी (DM) या IG/DIG को शिकायत भेजें। 
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RTI आवेदन डालकर पूछें: “मेरी शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई?” 
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धारा 156(3) CrPC के तहत न्यायालय में आवेदन देकर अदालत से FIR दर्ज करवाने का आदेश दिलवा सकते हैं। 
🔹 6. कानूनी प्रावधान (Legal Sections)
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भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 – रिश्वत लेने की सजा 
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धारा 13(1)(d) और 13(2) – पद का दुरुपयोग कर लाभ लेने की सजा 
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भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B, 409, 420 – आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी 
🔹 7. सावधानियाँ
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किसी भी तरह की झूठी शिकायत न करें — यह दंडनीय अपराध है। 
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सभी प्रमाण सुरक्षित रखें। 
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लिखित शिकायत को रजिस्टर्ड पोस्ट या ईमेल द्वारा भेजना सबसे सुरक्षित तरीका है। 
✅ निष्कर्ष:
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शिकायत को सही फॉर्मेट में करें, 
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प्रमाण रखें, 
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और उच्च अधिकारियों तक बात पहुंचाएं। 
इमानदारी से लड़ी गई लड़ाई देर से सही, लेकिन न्याय जरूर दिलाती है। ⚖️
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