हिट एंड रन केस में आम नागरिक के अधिकार | BNS 2023 के तहत नया कानून | Hit and Run Case Law in India

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🚗 हिट एंड रन केस में आम नागरिक के अधिकार (BNS के तहत)

नया कानून: भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023)
लागू तिथि: 1 जुलाई 2024
पुराने कानून की जगह: भारतीय दंड संहिता (IPC)


⚖️ हिट एंड रन क्या है?

जब कोई वाहन चालक किसी व्यक्ति को टक्कर मारकर मदद किए बिना भाग जाता है, तो यह “हिट एंड रन” कहलाता है।
यह अब BNS की धारा 281 और धारा 304 के अंतर्गत अपराध है।


📜 BNS में लागू प्रमुख धाराएँ

धाराविवरणसज़ा
धारा 281लापरवाही या तेज गति से वाहन चलाने पर दंड6 महीने की जेल / ₹1000 जुर्माना या दोनों
धारा 304(2)लापरवाही से किसी की मृत्यु होने पर दंड2 वर्ष तक की जेल / जुर्माना / दोनों
धारा 106(2) (Motor Vehicles Amendment, 2024)दुर्घटना के बाद चालक का रुकना और सहायता देना अनिवार्यउल्लंघन करने पर सज़ा और लाइसेंस निलंबन संभव

👨‍⚖️ आम नागरिक के अधिकार (BNS व संबंधित अधिनियमों के तहत)

1️⃣ FIR दर्ज करवाने का अधिकार

  • नागरिक या गवाह सीधे थाने में या ऑनलाइन पोर्टल (CCTNS/NCRB) पर FIR दर्ज करवा सकते हैं।

  • पुलिस को यह मामला “गंभीर अपराध” के रूप में दर्ज करना होता है।

  • FIR न लेने पर आप SP, DM, या Magistrate से शिकायत कर सकते हैं।


2️⃣ गुड समैरिटन कानून (Good Samaritan Law) – आपकी सुरक्षा

  • सुप्रीम कोर्ट व केंद्र सरकार ने इसे BNS के साथ मान्यता जारी रखी है।

  • मदद करने वाले नागरिक से पुलिस पूछताछ नहीं करेगी, जब तक वह स्वेच्छा से बयान न देना चाहे।

  • अस्पताल को घायल व्यक्ति का फ्री उपचार करना होगा।

  • किसी भी गवाह को पहचान बताने या कोर्ट पेशी के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।


3️⃣ मुआवजे का अधिकार (Hit and Run Compensation Scheme 2022)

सरकार द्वारा हिट एंड रन पीड़ितों को निम्न मुआवजा दिया जाता है:

स्थितिमुआवजा राशि
मृत्यु₹2,00,000
गंभीर घायल₹50,000
  • यह भुगतान सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा किया जाता है।

  • आवेदन जिला दुर्घटना दावा समिति (District Claim Committee) में किया जा सकता है।


4️⃣ इंश्योरेंस और क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) का अधिकार

यदि वाहन या चालक की पहचान हो जाती है, तो पीड़ित परिवार Motor Accident Claims Tribunal (MACT) में केस दर्ज कर सकता है।
BNS और मोटर वाहन अधिनियम दोनों इस प्रक्रिया को समर्थन देते हैं।


5️⃣ डिजिटल साक्ष्य और CCTV अधिकार

BNS के तहत डिजिटल साक्ष्य (वीडियो, सीसीटीवी, डैशकैम, मोबाइल क्लिप) अब “प्राथमिक साक्ष्य” माने जाएंगे।
पुलिस को इन्हें केस डायरी में शामिल कर साक्ष्य के रूप में सुरक्षित रखना अनिवार्य है।


🧠 अगर आप गवाह हैं

  • तुरंत 112 या 100 नंबर पर सूचना दें।

  • घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुँचाएँ।

  • अपनी पहचान देना वैकल्पिक है।

  • बयान देते समय कानूनी सलाह लें


⚠️ हिट एंड रन केस से जुड़ी आम गलतफहमियाँ

मिथकसच्चाई
“अगर मैं मदद करूँगा तो फँस जाऊँगा।”❌ गलत। Good Samaritan Law आपको कानूनी सुरक्षा देता है।
“FIR केवल पुलिस ही कर सकती है।”❌ गलत। नागरिक या गवाह भी FIR दर्ज करवा सकते हैं।
“मुआवजा केवल पहचान वाले वाहन पर मिलता है।”❌ नहीं। सरकार की योजना से अज्ञात वाहन वाले मामलों में भी मुआवजा मिलता है।

🕊️ निष्कर्ष

भारतीय न्याय संहिता (BNS) ने सड़क दुर्घटनाओं के मामलों को और अधिक सख्त और नागरिक हितैषी बना दिया है।
अब न केवल दोषी चालक को कड़ी सज़ा होगी, बल्कि मददगार नागरिकों को सुरक्षा, सम्मान और कानूनी संरक्षण भी मिलेगा।

👉 अगर आप सड़क पर किसी को घायल देखें — मदद करें, डरें नहीं।
कानून अब आपके साथ है।


🌐 अधिक जानकारी के लिए देखें

📱 “भारत के नए कानूनों को समझें — आसान हिंदी में।”

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