जब पुलिस ने आपके ख़िलाफ़ झूठी FIR दर्ज कर दी हो — कैसे हटवाएँ (हिंदी में पूरा गाइड)
परिचय (संक्षेप)
यदि आपके खिलाफ कोई झूठी/बेवजह FIR थाना द्वारा पंजीकृत की गई है तो घबराने की ज़रूरत नहीं। कई प्रशासनिक और न्यायिक उपाय हैं — पहले आप पुलिस के माध्यम से समस्या सुलझाने की कोशिश करें; अगर पुलिस सहयोग नहीं करे तो अदालत में जा कर FIR को quash/रद्द कराना पड़ता है। नीचे क्रमवार तरीका दिया गया है।

1) तुरंत करने योग्य कदम (पहला 24–72 घंटे)
- FIR की प्रमाणित कॉपी लें (डिजिटल/थाना पोर्टल से भी डाउनलोड करें) — इसमें FIR नंबर, तारीख, रिपोर्ट करने वाला व्यक्ति, आरोप का पूरा विवरण और धाराएँ होंगी।
- सबूत इकट्ठा करें — मोबाइल लोकेशन, व्हॉट्सऐप/एसएमएस, सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के नाम और पता, मेडिकल रिपोर्ट, फोटो-वीडियो इत्यादि।
- अदालतीन/कानूनी सहायता लें — एक वकील से फ़ोन पर तुरंत सलाह लें, वैकल्पिक रूप से नज़दीकी विधिक सहायता/लॉयरिंग बार काउंसिल से संपर्क करें।
- यदि गिरफ्तारी का खतरा हो तो anticipatory bail/राहत की तैयारी — वकील से तुरन्त सलाह लेकर जरूरी कदम उठाएँ।
2) पुलिस/थाना के माध्यम से निपटाना (प्रशासनिक रास्ता)
A. SHO/Investigating Officer से मिलकर लिखित Representation दें
- थाने जा कर SHO या IO से सौम्य टोन में बात करें। अपनी तरफ़ के सबूत उनके समक्ष रखें और लिखित Representation दें कि FIR झूठी है और इसे बंद/निरस्त किया जाए।
- थाना रिकॉर्ड में अपनी लिखित Representation की रसीद (Acknowledgement) लें।
- (नीचे एक तैयार नमूना दिया गया है जिसे आप थाने में जमा करा सकते हैं)
B. DSP/SDPO/ASP या SP को शिकायत
- अगर SHO/IO सुनवाई न करे तो उसी जिले के उच्च अधिकारी (Sub-Divisional Police Officer / SP) को लिखित शिकायत भेजें, सबूत संलग्न करें और कहें कि FIR को जांच कर के बंद किया जाए या Closure Report दाखिल की जाए।
- पत्र/ई-मेल/ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने की रसीद संभाल कर रखें।
C. रिकॉर्ड-आधारित अनुरोध
कई बार FIR पोर्टल पर गलती से दर्ज होती है — इस स्थिति में “Cancellation” या “Non-Cognizable” नाटक के तहत थाने से अनुरोध कर के उसे पोर्टल से हटवाया जा सकता है — पर पुलिस तभी ऐसा करेगी जब वे स्वयं मानें कि शिकायत निराधार/मालिशयस है या आरोप सही नहीं ठहरते।
3) यदि पुलिस मदद नहीं करती — न्यायिक विकल्प (अदालत में जाना)
यदि प्रशासनिक रास्ते बंद हों या अनुत्तरदायी हों, तो अदालत में जाएँ:
A. Magistrate के पास Section 156(3) CrPC के तहत शिकायत
- यदि पुलिस ने जांच तक न की हो, तो आप Judicial Magistrate के समक्ष Section 156(3) के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं — यह मजिस्ट्रेट को पुलिस को जांच करने का आदेश देने का अधिकार देता है।
- यह कदम मुख्यतः तब उपयोगी है जब पुलिस FIR दर्ज कर चुकी है पर जांच कर के क्लोज नहीं कर रही, या यदि आपको शिकायतकर्ता पर कार्रवाई करानी हो कि उसने झूठी शिकायत दी।
B. High Court में Petition to quash (Section 482 CrPC — inherent powers)
- यदि FIR पूरी तरह खारिज/बदनीय/निराधार है और उससे आपका उत्पीड़न हो रहा है, तो High Court में Criminal Petition / Writ (Section 482 CrPC) दायर कर FIR को quash (रद्द) करवाया जा सकता है।
- High Court के सामने quashing की याचिका तभी सफल होती है जब FIR में ऐसा तथ्य हो कि कोई अपराध नहीं बनता या मामला दुरुपयोग/दुरभावना पर आधारित है। इसलिए यह व्यापक कानूनी प्रक्रिया है — वकील की ज़रूरत पड़ेगी।
C. Defamation / Malicious Prosecution के खिलाफ मामला
- झूठी शिकायत करने वाले के खिलाफ आप IPC की धाराएँ लागू करवा सकते हैं — जैसे IPC Section 182 (False information to public servant), Section 211 (False charge with intent to injure) और/या defamation (Section 499/500) — यह पुलिस/अदालत पर निर्भर करेगा कि कौन-सी धारा बेहतर लागू होती है।
- यह कार्रवाई आरोप लगाने वाले के लिए दंडनीय निहितार्थ पैदा कर सकती है।
4) व्यवहारिक सुझाव (फॉलो-अप, दस्तावेज़, व्यवहार)
- हर बातचीत का लिखित रिकॉर्ड रखें (ईमेल/व्हाट्सऐप/रसीद)।
- अधिकारियों से मिलने पर विनम्र पर दृढ़ रहें — पुलिस कागज़ात में आपकी लिखित representation और उनके जवाब का रिकॉर्ड महत्वपूर्ण होगा।
- यदि ऑनलाइन FIR पोर्टल पर गलती है तो पोर्टल से डाउनलोड/प्रिंट निकाल कर साथ रखें।
- समय-समय पर वकील से केस की प्रगति पर परामर्श लेते रहें।
5) नमूना — Representation (शिकायत) थाने के लिए (हिंदी में)
दिनांक: __/__/20__
सेवा में,
श्रीमान/श्रीमती, थाना प्रभारी,
[थाने का नाम], [जिला], [राज्य]
विषय: मेरे खिलाफ दर्ज झूठी/मालिशयस FIR नंबर ______ (दिनांक ___) को बंद करने हेतु आवेदन।
महोदय/महोदया,
सादर निवेदन है कि दिनांक ___ को आपके थाना में मेरे विरुद्ध FIR नंबर ___ (प्रकरण संख्या) दर्ज कर दी गई है। उक्त FIR में जो आरोप लगाए गए हैं वे पूर्णतया झूठे एवं गलत हैं। मैं उस दिन/समय पर [अपना ठोस कारण/गवाह/सबूत संक्षेप में लिखें] था/थी, तथा मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार हैं।
मैंने इस विषय के संबंध में नीचे दिये गए प्रमाण संलग्न कर रहे/रही हूँ:
1. ___
2. ____
3. ____
अतः आपसे अनुरोध है कि कृपया उक्त FIR की निष्पक्ष जाँच कर के जो भी आवश्यक प्रशासनिक कार्रवाई हो (जैसे FIR को बंद/क्लोज/कनसिल/निरस्त करना या मामले की सही जाँच कर के रिपोर्ट प्रस्तुत करना) वह किया जाए। साथ ही जो भी व्यक्ति/पक्ष इस झूठी रिपोर्ट के लिए जिम्मेदार है, उस पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।
आपका आज्ञाकारी,
[आपका नाम]
[पता]
[मोबाइल / ई-मेल]
(संलग्न: दस्तावेज़/प्रमाण)
6) नमूना — SP को शिकायत पत्र (जब SHO सह न करें)
(उसी तरह का संरचित पत्र बनाकर SP कार्यालय में जमा कर दें; ई-मेल/डाक/सीएसआर पोर्टल के जरिये भी भेजें और प्राप्ति रसीद रखें।)
7) कब और किसे बुलाएँ — त्वरित निर्णय हेतु
- अगर गिरफ्तारी imminent है → तुरंत वकील से संपर्क करें; ज़रूरी हो तो anticipatory bail/representation तैयार कराएं।
- यदि प्रशासनिक सामना संभव है → पहले SHO/IO → फिर DSP/SDPO → फिर SP।
- यदि प्रशासनिक रास्ते विफल हों → Magistrate (Section 156(3)) या High Court (Section 482) के मार्ग अपनाएँ।
8) अंतिम सलाह और डिस्क्लेमर
- यह लेख सामान्य मार्गदर्शन देता है — प्रत्येक मामला facts के अनुसार अलग होता है। इसलिए कानूनी कार्यवाही आरम्भ करने से पहले अपने क्षेत्र के भरोसेमंद वकील से परामर्श ज़रूर करें।
- पुलिस/अधिकारियों के साथ लिखित संवाद और सबूतों का सुरक्षित रखरखाव आपके पक्ष को मजबूती देता है।
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