दादा द्वारा दान की गई ज़मीन की चौहद्दी गलत हो गई — अब क्या करें?
📘 केस का सार:
आइए कानून के अनुसार चरणबद्ध तरीके से समझें।
⚖️ 1. दानपत्र (Gift Deed) की कानूनी स्थिति
दानपत्र (Gift Deed) भारतीय संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 (Transfer of Property Act, 1882) की धारा 122 से 129 तक के प्रावधानों के अंतर्गत आता है।
धारा 122 के अनुसार,
“दान” का अर्थ है – स्वेच्छा से और बिना किसी प्रतिफल (consideration) के संपत्ति का हस्तांतरण किसी दूसरे व्यक्ति को करना।
🧾 2. चौहद्दी गलत हो जाने पर सुधार की प्रक्रिया
यदि दानपत्र में चौहद्दी गलत दर्ज हो गई है, तो इसे सुधारने के दो प्रमुख तरीके हैं:
🏛️ (A) रजिस्ट्री में सुधार (Rectification Deed)
सबसे पहले, आप या आपके दादा जी (यदि जीवित होते) दानकर्ता और दानग्राही (आप) मिलकर Rectification Deed (सुधार पत्र) बनवा सकते थे।
लेकिन चूंकि अब दानकर्ता का निधन हो चुका है, इसलिए अब आपको सुधार के लिए दाताकर्ता के उत्तराधिकारी (legal heirs) की सहमति की आवश्यकता होगी।
प्रक्रिया:
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संबंधित रजिस्ट्री कार्यालय (Sub-Registrar Office) में आवेदन करें।
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अपने दानपत्र की कॉपी, खतौनी, नक्शा, गवाह के बयान, और ग्राम पंचायत / राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट संलग्न करें।
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दानकर्ता के वारिस (legal heirs) की सहमति पत्र लेकर जाएं।
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सुधार के लिए Rectification Deed रजिस्टर्ड कराएं।
 
यह कानूनी रूप से सबसे सही और स्थायी तरीका है।
⚖️ (B) राजस्व विभाग में आपत्ति / सुधार आवेदन
अगर दानपत्र की चौहद्दी के कारण खतौनी / जमाबंदी / नक्शे में गलती दर्ज हो गई है, तो आप राजस्व विभाग (Revenue Department) में आवेदन कर सकते हैं।
प्रक्रिया:
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लेखपाल / कानूनगो / तहसीलदार को आवेदन दें कि दान की भूमि की चौहद्दी में त्रुटि है।
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स्थल निरीक्षण (Site Inspection) कराया जाएगा।
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गवाहों के बयान और पुराने रेकॉर्ड देखकर रिपोर्ट बनाई जाएगी।
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यदि गलती प्रमाणित होती है, तो राजस्व अधिकारी आदेश देकर चौहद्दी सुधार कर सकते हैं।
 
इस प्रक्रिया में आपको किसी कानूनी सलाहकार (राजस्व अधिवक्ता) की मदद लेना चाहिए।
🚫 3. क्या आप इसे किसी और को दान देकर सही करा सकते हैं?
कानूनी रूप से नहीं।
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ऐसा करने से नया विवाद पैदा होगा।
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मूल रजिस्ट्री में दर्ज सीमांकन गलत रहेगा, जिससे मालिकाना हक़ स्पष्ट नहीं होगा।
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और बाद में कोई भी व्यक्ति उस दान को रद्द या विवादित कर सकता है।
 
🧠 4. संबंधित कानून और धाराएँ
| क्रम | कानून / धारा | विवरण | 
|---|---|---|
| 1 | Transfer of Property Act, 1882 – Section 122 | दान की परिभाषा और वैधता | 
| 2 | Section 126 | दान को रद्द करने या संशोधित करने की शर्तें | 
| 3 | Registration Act, 1908 – Section 17 | दानपत्र का रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य | 
| 4 | Section 26 – Specific Relief Act, 1963 | लिखत में गलती होने पर संशोधन (Rectification) का अधिकार | 
| 5 | U.P. Land Revenue Act / राज्य का राजस्व कानून | चौहद्दी सुधार की प्रक्रिया | 
📜 5. व्यावहारिक सलाह (Practical Legal Advice)
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दानपत्र की कॉपी और नक्शा लेकर किसी राजस्व वकील या दस्तावेज़ लेखपाल से मिलें।
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वे आपको बताएंगे कि गलती कितनी गंभीर है —
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केवल सीमांकन त्रुटि (Typographical Error) है या
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जमीन की दिशा / हिस्से में भ्रम है।
 
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उसके अनुसार Rectification Deed या राजस्व सुधार शुरू करें।
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सभी सुधार पूरे होने के बाद ही आगे कोई हस्तांतरण (दान या विक्रय) करें।
 
✅ निष्कर्ष:
दानपत्र में चौहद्दी गलत होने पर सीधे दोबारा दान देना कानूनी रूप से सही उपाय नहीं है।पहले रजिस्ट्री या राजस्व विभाग में जाकर चौहद्दी का कानूनी सुधार कराएं (Rectification Deed या Revenue Correction)।सुधार के बाद ही संपत्ति का पुनः दान या विक्रय करें।
📌 उदाहरण:
अगर दानपत्र में लिखा है —
“उत्तर में – रामलाल की भूमि”जबकि वास्तव में उत्तर दिशा में “गांव का रास्ता” है,
तो आप सुधार पत्र (Rectification Deed) में यह लिखवा सकते हैं कि
“मूल दानपत्र में उत्तर दिशा का विवरण त्रुटिवश गलत दर्ज हुआ, सही विवरण – ‘गांव का रास्ता’ होना चाहिए।”
यह सुधार दोनों पक्षों की सहमति और रजिस्ट्री की पुष्टि से वैध माना जाएगा।
🌐 निष्कर्ष पंक्ति:
“दान एक पवित्र प्रक्रिया है, परंतु कानूनी त्रुटियाँ आगे चलकर विवाद का कारण बन सकती हैं।इसलिए हर संपत्ति के दान या सीमांकन में सावधानी और कानूनी पुष्टि आवश्यक है।”
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