CJI पर जूता फेंकने का मामला: वकील ने ऐसा क्यों किया?

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🧑‍⚖️ CJI पर जूता फेंकने का मामला: आखिर वकील ने ऐसा क्यों किया? पूरा सच जानिए

🔷 घटना का सारांश

  • 7 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम नं. 1 में एक चौंकाने वाली घटना घटी।
  • जब चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI B. R. गवई) सुनवाई कर रहे थे, तभी एक वकील राकेश किशोर ने उन पर जूता फेंकने की कोशिश की।
  • हालांकि, जूता CJI तक नहीं पहुंचा और सुरक्षाकर्मियों ने वकील को मौके पर ही पकड़ लिया।

⚡ क्यों फेंका गया जूता?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, वकील राकेश किशोर खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति पुनर्स्थापना से जुड़े एक मामले में कोर्ट की टिप्पणी से नाराज थे।

पिछली सुनवाई में CJI ने कहा था कि —

  • “यह भगवान का मामला है, उनसे कहिए कुछ करें।”
  • इस टिप्पणी को राकेश किशोर ने धार्मिक भावनाओं का अपमान माना और इसी नाराज़गी में उन्होंने कोर्ट में जूता फेंकने का प्रयास किया।

🕓 घटना का समयक्रम

  • तारीख: 7 अक्टूबर 2025
  • स्थान: सुप्रीम कोर्ट, कोर्ट रूम नं. 1
  • व्यक्ति: वकील राकेश किशोर
  • पीड़ित: CJI B. R. गवई
  • घटना के तुरंत बाद कोर्ट में अफरा-तफरी मच गई और कुछ समय के लिए कार्यवाही रोकनी पड़ी।

⚖️ कानूनी कार्रवाई

वकील राकेश किशोर के खिलाफ निम्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया —

इनमें से Contempt of Court सबसे गंभीर अपराध है, क्योंकि यह सीधे सुप्रीम कोर्ट की गरिमा पर हमला माना जाता है।

🧠 घटना का कानूनी और सामाजिक विश्लेषण

  • न्यायपालिका की गरिमा सर्वोच्च है — सुप्रीम कोर्ट भारत का सर्वोच्च न्यायालय है। यहाँ किसी भी प्रकार की हिंसा या असम्मान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
  • कानूनी पेशे की मर्यादा — वकीलों को कानून के दायरे में रहकर अपनी बात रखनी चाहिए। इस तरह की हरकतें न केवल व्यक्तिगत बल्कि पेशे की छवि को भी धूमिल करती हैं।
  • धार्मिक भावनाएँ बनाम न्यायिक प्रक्रिया — अगर किसी निर्णय या टिप्पणी से असहमति है, तो उसके लिए रिव्यू पिटीशन या लीगल अपील का रास्ता मौजूद है।

📢 निष्कर्ष

  • CJI पर जूता फेंकने की यह घटना भारतीय न्याय व्यवस्था की गरिमा पर हमला है।
  • नाराज़गी जताने का अधिकार हर नागरिक को है, लेकिन न्यायालय के भीतर अनुशासन और मर्यादा का पालन करना हर व्यक्ति का कानूनी कर्तव्य है।
⚖️ आपकी राय क्या है?
👇 कमेंट में जरूर बताएं — क्या आपको लगता है कि ऐसे विरोध का तरीका सही है या गलत?

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