अगर सिर्फ नाम और फोटो पता हो तो क्या FIR दर्ज हो सकती है? पुलिस ऐसे करती है आरोपी की पहचान

indianlawfact
0

अगर सिर्फ नाम और फोटो पता हो तो क्या FIR दर्ज हो सकती है? पुलिस आरोपी को ऐसे पकड़ती है

🔹 परिचय

अक्सर ऐसा होता है कि किसी घटना के बाद पीड़ित को सिर्फ आरोपी का नाम या तस्वीर ही पता होती है, लेकिन उसका पता या बाकी जानकारी नहीं। ऐसे में सवाल उठता है — क्या सिर्फ नाम या फोटो के आधार पर FIR दर्ज कराई जा सकती है? और अगर हाँ, तो पुलिस उस व्यक्ति तक कैसे पहुँचती है?
इस आर्टिकल में हम इसी विषय को सरल भाषा में समझेंगे।


🔹 FIR दर्ज करने का कानूनी आधार

भारतीय कानून की धारा 154 (CrPC) के अनुसार, जब किसी पुलिस अधिकारी को यह जानकारी मिलती है कि कोई संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) हुआ है, तो उसे FIR दर्ज करनी ही होती है।
👉 इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ अपराध की सूचना दी जाती है — चाहे उसका पूरा पता मालूम हो या न हो — तब भी पुलिस FIR दर्ज करने से मना नहीं कर सकती।


🔹 सिर्फ नाम और फोटो होने पर FIR कैसे दर्ज होती है?

अगर आपके पास आरोपी का केवल नाम, तस्वीर या सोशल मीडिया प्रोफाइल है, तो आप FIR दर्ज करवा सकते हैं।
आपको बस यह बताना होगा कि घटना कब, कहाँ और कैसे हुई, और आपके पास जो साक्ष्य (evidence) हैं — जैसे फोटो, वीडियो, मैसेज आदि — वे पुलिस को सौंप दें।
पुलिस फिर जांच में बाकी जानकारी जुटाती है।


🔹 पुलिस आरोपी तक कैसे पहुँचती है?

सिर्फ नाम या फोटो के आधार पर पुलिस कई तरीके अपनाती है 👇

  1. CCTV फुटेज चेक करना – घटना के आस-पास लगे कैमरों से फुटेज लेकर पहचान करती है।
  2. Facial Recognition System – आजकल पुलिस के पास चेहरा पहचानने वाली तकनीक होती है जो पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड्स से मिलान करती है।
  3. सोशल मीडिया ट्रेसिंग – फोटो को सोशल मीडिया पर रिवर्स सर्च करके व्यक्ति का अकाउंट या लोकेशन पता लगाया जा सकता है।
  4. गवाहों से पहचान (TIP) – Test Identification Parade के ज़रिए गवाहों से पुष्टि कराई जाती है।
  5. मोबाइल नंबर, कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन डेटा – कोर्ट की अनुमति से मोबाइल कंपनियों से जानकारी ली जा सकती है।
  6. स्थानीय पूछताछ – नाम या फोटो दिखाकर आस-पास के लोगों से पहचान कराई जाती है।


🔹 शिकायत लिखते समय क्या लिखें

आपकी FIR में यह बातें ज़रूर होनी चाहिए 👇

  • घटना की तारीख, समय और स्थान
  • आरोपी का नाम (अगर पता हो)
  • आरोपी की फोटो या कोई सोशल लिंक
  • घटना का संक्षिप्त विवरण
  • आपके पास मौजूद साक्ष्य (तस्वीर, चैट, वीडियो)
  • आपका नाम, पता और हस्ताक्षर

📌 टिप: FIR दर्ज करते समय उसकी कॉपी (FIR Number) ज़रूर लें। अगर पुलिस FIR दर्ज करने से मना करे तो आप वरिष्ठ अधिकारी या मजिस्ट्रेट (Section 156(3) CrPC) के पास शिकायत कर सकते हैं।


🔹 सावधानियाँ

  • किसी भी झूठी जानकारी या फोटो को सबूत के रूप में देना अपराध माना जा सकता है।
  • FIR में वही बातें लिखें जो सत्य और प्रमाणित हों।
  • पुलिस के पास संवेदनशील डेटा (जैसे Aadhaar या मोबाइल लोकेशन) प्राप्त करने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है।


🔹 निष्कर्ष

अगर आपके पास आरोपी का केवल नाम या तस्वीर है, तब भी आप FIR दर्ज करा सकते हैं। पुलिस अपने तकनीकी साधनों और कानूनी प्रक्रिया से आरोपी तक पहुँच सकती है।
आपका काम है — सच्ची जानकारी, सही सबूत और पूरा विवरण देना। FIR दर्ज होने के बाद पुलिस जांच शुरू करती है और आरोपी की पहचान संभव होती है।

इस लेख ने आपको मदद की? 🌟
अपने सुझाव WhatsApp पर दें और हमें इसे और बेहतर बनाने में मदद करें! 🙏

💌 फीडबैक दें

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Hallo friends please spam comments na kare.post kesi lagi jarur bataye or post share jarur kare.

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !
close