बिना वजह पुलिस ने रास्ते में मारा-गाली दी — क्या करें? 7 आसान कदम + शिकायत का नमूना
परिचय
रास्ते पर पुलिस का अनुचित व्यवहार—मार-पीट, गाली-गलौच या अन्य दुर्व्यवहार—घटना में घबराना स्वाभाविक है। पर सही कदम तुरंत उठाने से आपकी सुरक्षा और कानूनी अधिकार सुरक्षित रहते हैं। इस लेख में सरल भाषा में बताएँगे कि तुरंत क्या करें, कौन-कौन से सबूत ज़रूरी हैं, और किस तरह शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

1) सबसे पहले — शांत रहें और खुद को सुरक्षित रखें
- झगड़ा बढ़ाने से स्थिति बिगड़ सकती है। जितना हो सके शांत रहें।
- यदि हालात खतरनाक हैं तो नजदीकी भीड़, दुकान या कैमरे वाले स्थान की ओर चले जाएँ।
- ज़रूरत हो तो किसी नज़दीकी को फ़ौरन कॉल करें और घटना का लोकेशन भेजें।
2) त्वरित सबूत इकट्ठा करें (सबसे महत्वपूर्ण)
- मोबाइल से घटना का वीडियो रिकॉर्ड करें — कोशिश करें पूरा दृश्य और चेहरा कैप्चर हो।
- अगर वीडियो संभव न हो तो ऑडियो रिकॉर्डिंग, फोटो, या आस-पास के सीसीटीवी का समय नोट करें।
- घटना के गवाहों के नाम, फ़ोन नंबर और पता तुरंत लिख लें।
- चोट की स्थिति हो तो ताज़ा फ़ोटो लें और मेडिकल रिपोर्ट के लिए अस्पताल/क्लिनिक जाएँ।
3) मेडिकल चेकअप और उपचार (MAJOR proof)
- चोट हो तो तुरंत नज़दीकी सरकारी/निजी अस्पताल में जाकर मेडिकल प्रमाण (Medico-Legal Case — MLC) बनवाएँ। MLC बाद में कानूनी सबूत बनता है।
- डॉक्टर से मिलने का समय, रिपोर्ट और बिल संभाल कर रखें।
4) शिकायत करने के विकल्प (कदम-दर-कदम)
- शिकायत पहले SHO/थाना में — लिखित शिकायत दें और उसकी एक प्रति प्राप्त करें।
- FIR दर्ज कराने के लिए आवश्यक हो तो — यदि पुलिस ने अपराध किया है (मार-पीट, गंभीर अपमान, चोट), FIR दर्ज करने का अधिकार है।
- उच्च अधिकारियों से शिकायत — थाने में कार्रवाई न हो तो SP/DCP के पास लिखित शिकायत भेजें।
- Human Rights Commission / State Police Complaints Authority — गंभीर मामलों में राज्य मानवाधिकार आयोग या पुलिस शिकायत प्राधिकरण में भी शिकायत कर सकते हैं।
- न्यायिक उपाय — वकील से मिलकर न्यायालय में PIL या निजी शिकायत दायर की जा सकती है।
5) शिकायत (FIR/शिकायत) का नमूना — हिंदी
शिकायतकर्ता: (नाम, पिता का नाम, पता, फ़ोन)
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प्रतिवादी: (यदि नाम पता मालूम हो — पुलिसकर्मी का नाम/थाना)तारीख/समय/स्थान: ______विवरण:(संक्षेप में) आज दिनांक ______ को लगभग ______ बजे, मैं ______ (स्थान) पर था/थी। अचानक थाना ______ का पुलिसकर्मी/पुलिसकर्मीगण आए और बिना किसी कारण के मुझे धक्का दिया, गाली दी व मार-पीट की जिससे मेरे शरीर पर चोटें आईं (जिनकी मलीख/फोटो संलग्न)। घटनास्थल पर मौजूद गवाह — (नाम व नंबर)। मैंने चिकित्सा करवाई है, मेडिकल रिपोर्ट संलग्न है। अतः कृपया संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ उचित कार्रवाई कर FIR दर्ज कर जांच प्रारंभ करने की कृपा करें।हस्ताक्षर: ______तिथि: ______
(आप इसे कॉपी करके थाने में दे सकते हैं — सुनिश्चित करें की आपको एक समर्पित प्राप्ति/रसीद मिल जाए।)
6) जब पुलिस थाने में ही समस्या हो
- यदि वही थाने के अधिकारी दोषी हों या FIR दर्ज करने से इंकार करें तो लिखित आवेदन भेजें और रसीद लें (या अपना आवेदन ईमेल/रजिस्टर्ड डाक से SP/IPS अधिकारी तक भेजें)।
- राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण, मानवाधिकार निकाय या लोकायुक्त को भी पत्र लिखा जा सकता है।
- सोशल मीडिया पर समझदार पोस्ट (सिर्फ तथ्यात्मक) और स्थानीय मीडिया का सहारा भी दबाव बनाने में मदद कर सकता है — पर ध्यान रखें कि पूर्वाग्रह/अत्यधिक आरोप कानूनी जोखिम ला सकते हैं।
7) वकील और कानूनी सहायता
- तुरंत किसी लोकल वकील से संपर्क करें जो आपराधिक मामलों का अनुभव रखते हों।
- यदि आर्थिक रूप से कमजोर हैं तो मुफ्त कानूनी सहायता (Legal Aid) की सुविधा उपलब्ध हो सकती है — स्थानीय लॉ सोसाइटी/न्यायालय से पता करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: क्या वीडियो न होने पर मामला कमजोर हो जाता है?
A: नहीं — सत्यापित गवाह, मेडिकल रिपोर्ट, स्थान की स्थिति और अन्य सबूत भी मजबूत होते हैं।
Q2: पुलिस से बदला लेकर क्या करें?
A: बदला लेना गैरकानूनी है — कानून के दायरे में रहकर शिकायत और अदालत का सहारा लें।
Q3: शिकायत दर्ज कराने पर क्या डरना चाहिए?
A: कानूनी सुरक्षा के साथ आगे बढ़ें; यदि प्रतिशोध का डर है तो वकील से सुरक्षा उपाय और निर्देश लें।
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