संविधान पाठ 3: संविधान और नागरिकों के कर्तव्य

indianlawfact
0

संविधान और नागरिकों के कर्तव्य


प्रस्तावना:

पिछले दो पाठों में हमने संविधान की मूलभूत सिद्धांतों और मुख्य अधिकारों की बात की थी। अब हम देखेंगे कि संविधान के अनुसार नागरिकों के कर्तव्य क्या हैं।

सामाजिक कर्तव्य:

संविधान हमें यह बताता है कि हमें समाज में सभी के साथ समानता और भाईचारे के साथ व्यवहार करना चाहिए। हमें दरिद्रों और वंचितों की मदद करनी चाहिए और समाज में सामाजिक उत्थान के लिए योगदान देना चाहिए।

राष्ट्रिय कर्तव्य:संविधान और नागरिकों के कर्तव्य

हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि हम अपने देश के प्रति वफादार रहें, उसके सुरक्षा और समृद्धि में योगदान करें, और राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने का प्रयास करें।

कर्तव्य की पालन:

संविधान हमें यह सिखाता है कि हमें अपने कर्तव्यों की पालन करनी चाहिए, चाहे वो व्यक्तिगत, सामाजिक, या राष्ट्रीय हों। हमें निष्कलंकता, ईमानदारी, और सच्चाई के मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए।

संविधानिक कर्तव्य:

हमारा संविधान नागरिकों के लिए कुछ संविधानिक कर्तव्य भी स्थापित करता है। हमें संविधान की पालन करनी चाहिए, संविधान में उल्लिखित नियमों का पालन करना चाहिए, और देश की संविधानिक सुरक्षा को बनाए रखने का कर्तव्य होता है।


संविधान के इन कर्तव्यों के माध्यम से हम एक समर्थ, न्यायपूर्ण, और समृद्ध समाज की नींव को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए एक उदाहरणीय नागरिक बनने का प्रयास करना चाहिए।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Hallo friends please spam comments na kare.post kesi lagi jarur bataye or post share jarur kare.

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !
close